रिजर्व बैंक का होम लोन बोरोअर्स के लिए नया 'फ्रेमवर्क': अब लोन बोरोअर्स फ्लोटिंग इंट्रेस्ट रेट से फिक्स्ड इंट्रेस्ट रेट पर शिफ्ट कर सकेंगे
रिजर्व बैंक ने पिछले डेढ़ साल से ब्याज दरें बढ़ाने की शुरुआत की है, जिससे होम लोन बोरोअर्स की परेशानियां बढ़ गई हैं। इससे पहले जो लोग कर्ज ले चुके थे वे भी परेशान हुए हैं, और वे भी जो अपने घर का सपना पूरा करना चाहते थे। इससे एक आम परिवार का पूरा बजट बिगड़ गया है, और कई लोगों ने घर खरीदने का प्लान भी टाल दिया है।
रिजर्व बैंक ने इस समस्या को समझते हुए 10 अगस्त को मॉनेटरी पॉलिसी के ऐलान समय एक बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि वे एक नया फ्रेमवर्क लाएंगे, जिससे लोन बोरोअर्स फ्लोटिंग इंट्रेस्ट रेट से फिक्स्ड इंट्रेस्ट रेट पर शिफ्ट कर सकेंगे।
इस फ्रेमवर्क की बड़ी खासियत यह है कि अब बैंक को ग्राहक को पूरी जानकारी देनी होगी। अगर बैंक किसी भी प्रकार की बदलाव करना चाहता है, तो वह पहले ग्राहक को सूचित करेगा।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस नई योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, "हम चाहते हैं कि हर ग्राहक को उसकी EMI और टेन्योर (tenure) की स्पष्ट जानकारी हो।" इससे होम लोन ग्राहक भविष्य में किसी भी समस्या से बच सकते हैं। उन्होंने इस फ्रेमवर्क के तहत बैंकों को लोन के टेन्योर और EMI के बारे में स्पष्टता से बताने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना ठीक से बताए और ग्राहक की सहमति लिए बैंक टेन्योर नहीं बढ़ा पाएंगे।
इस नये फ्रेमवर्क से लोग अपने लोन को फिक्स रेट पर शिफ्ट कर सकते हैं और उन्हें आने वाले समय में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
लेकिन, इससे भी एक बड़ी सवाल का सामना करना पड़ेगा। फिक्स्ड रेट पर जाने से आपको अब का फायदा होगा क्योंकि ब्याज दरें अधिक हैं। लेकिन भविष्य में, जब ब्याज दरें गिरेंगी, तब आपको उससे नुकसान हो सकता है। ऐसा हो सकता है कि आप फिक्स्ड रेट पर अधिक ब्याज चुका रहे हों जबकि बाकी लोग फ्लोटिंग रेट पर कम ब्याज चुका रहे हों।
तो, अगर आप होम लोन पर विचार कर रहे हैं या आप पहले से ही एक होम लोन पर हैं, तो आपको इस नई पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इससे आपकी आर्थिक स्थिति को सुरक्षित रखा जा सकता है और आपको भविष्य में किसी भी समस्या से बचने में मदद मिलेगी।